paisa chalta hai
पैसा चलता है
एक आदमी बेरोजगार था और नौकरी की तलाश में बड़े शहर की तरफ निकल पड़ा। ट्रेन से उतरने पर उसे एक भिखारी मिला, जिसने बड़ी दुखी आँखों से उसे देखा और अपना हाथ उसके आगे कर दिया। उस आदमी ने कुछ सोचा और अपनी जेब से एक रुपया निकाल कर भिखारी के हाथ में रख दिया, और आगे बढ़ गया। भिखारी ने आदतन कुछ कहा और आगे बढ़ गया।भिखारी के पास एक रुपया और था, वह दो रूपये ले कर चाय वाले के पास गया और उसने दो रुपये की चाय पी ली। चाय वाले ने दो रूपये अपनी जेब में रखा और जब उस चाय वाले के पास बीस रुपये हो गए तो वह राशन की दुकान से एक किलो शक्कर ले आया। राशन दुकान में सेठ ने वह रूपये अपनी संदूक में रख लिए। सेठ के गल्ले में शाम तक हजार रूपये आ गए तो उसने उन रुपयों से तेल के पीपे ले लिए। तेल के पीपे वाले उस सेठ ने पर्याप्त पैसे हो जाने पर तेल निकालने वाली और बेचने वाली कंपनी से और माल मंगा लिया। इस तरह से उस बेरोजगार आदमी का एक रुपया एक हाथ से दूसरे हाथ होता हुआ आगे बढ़ता रहा।
उधर वह बेरोजगार आदमी काम की तलाश में दर- दर भटकता हुआ उस तेल बनाने वाली कंपनी तक पहुंच गया और उसे वहां तीन हजार रूपये महीने की नौकरी मिल गयी। काम करते -करते एक महीने बीत गए और उस आदमी को उसके काम की पहली पगार तीन हजार रूपये उसके हाथ में मिले। रूपये हाथ में आने के बाद वो बहुत खुश हुआ और अपने इष्ट देव को धन्यवाद दे कहा " हे देव आपने आज से मुझे भी मेरी मेहनत की कमाई देना शुरू किया है, आशीर्वाद दो की मेरा यह धन अच्छे कार्यों में व्यय हो इस से मेरा, मेरे परिवार का, मेरे समाज का, मेरे राष्ट्र का, विश्व का कल्याण हो। " इस तरह उस आदमी ने अपनी कमाई का सदुपयोग करना शुरू कर दिया।
किसी को दिया गया धन या कहीं किया गया इन्वेस्टमेंट का एक रुपया भी कई गुना बढ़कर वापस ही मिलेगा। अगर हमने पैसे आने के बाद उसे कहीं भी इन्वेस्ट नहीं किया तो वह पैसा वहीँ रुक जायेगा वह बढ़ेगा नहीं। जिन स्थानों पर पैसों का लेन -देन जितनी तेजी से होता है वे स्थान ज्यादा प्रगति करते है अपेक्षा उन स्थानों के जहाँ पैसों का लेन देन कम होता है।
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