Saturday, August 31, 2024

सूर्योदय (SURYODAYA) SUN RISE


 
SUN RISE

INDRAJEET SINGH KURRAM
17.5" X 25.5"
COLOR PENCIL ON PAPER

2000


Drawing of a scenery
SURYODAYA (SUN RISE) by Indrajeet Singh, using pencil colour on paper on 2000



यह चित्रकला मैंने सत्र 2000 में बनाया था, उस समय मैं इंदौर में रह कर मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई कर रहा था | सरफेस के तौर पर प्लेन ड्राइंग पेपर लिया और सिंपल कलर पेंसिल का उपयोग कर इस चित्र को तैयार किया | 

इस चित्र को बनाने लैंडस्केप एरिया लेकर , सेंटर से उपर निचे दो  भाग में बाँट कर , जल और आकाश की छितिज तैयार कर एक लैंडस्केप प्राकृतिक दृश्य तैयार किया | सेंटर में सूर्य बना कर सूर्य की किरणों को चारों ओर स्केल की सहायता से फैला हुआ बनाया, और निचे पानी को सामानांतर स्ट्रोक बना कर उसमे सूर्य किरणों को रिफ्लेक्ट किया | नारीयल के पेड़ और थोड़ी जमीन बना कर एक लैंडस्केप नेचर आर्ट तैयार किया था |  

इस चित्रकला में एक शांत समुद्र तट पर सूर्यास्त का दृश्य चित्रित किया गया है, जो गर्म और सुखदायक रंगों के माध्यम से दर्शाया गया है। इसमें मुख्य रूप से नारंगी, पीले और भूरे रंगों का समन्वय किया गया है, जो पूरे चित्र में एक शांतिपूर्ण वातावरण को प्रकट करता है।

केंद्र में एक विशाल, चमकता हुआ सूर्य क्षितिज पर डूबता हुआ दिखाया गया है, जो अपने सुनहरे प्रकाश को समुद्र की सतह पर बिखेर रहा है। सूर्य की किरणें चारों ओर फैलती हुई आकाश के साथ मिलकर एक सुखद और शांत वातावरण का निर्माण करती हैं, जो दृश्य को संपूर्णता प्रदान करती हैं।

चित्र के अग्रभाग में दो नारियल के पेड़ बाईं ओर स्थित हैं, जो हल्के से झुके हुए हैं। उनके हरे पत्ते आकाश और समुद्र के गर्म रंगों के साथ एक मनोहारी विरोधाभास उत्पन्न करते हैं। ये पेड़ चित्र में गहराई का एहसास कराते हैं और दर्शक की दृष्टि को क्षितिज की ओर आकर्षित करते हैं।

समुद्र शांत है, जो आकाश के रंगों को प्रतिबिंबित कर रहा है, और उस पर छोटी लहरें तट की ओर धीरे-धीरे बढ़ती दिख रही हैं। पानी में डॉल्फिन्स कूदती हुई दिखाई देती हैं, जो इस शांतिपूर्ण दृश्य में एक जीवंत और गतिशील तत्व जोड़ती हैं। उनका अस्तित्व प्रकृति के साथ सामंजस्य और स्वतंत्रता का प्रतीक है।

दाईं ओर एक जहाज क्षितिज की ओर बढ़ता हुआ नजर आता है, जो सूर्य की रोशनी में एक सिल्हूट के रूप में दिखाई देता है। यह जहाज एक यात्रा या साहसिकता का प्रतीक हो सकता है। दूर स्थित भूमि, जिसमें और भी नारियल के पेड़ हैं, दृश्य में संतुलन उत्पन्न करती है और क्षितिज को पूर्ण करती है, जो एक दूरस्थ गंतव्य या सुरक्षित ठिकाने का आभास देती है।

आकाश में पक्षी उड़ते हुए दिखाए गए हैं, जो चित्र में गति और जीवन का आभास कराते हैं।

कलात्मक दृष्टिकोण से, यह चित्र यथार्थवाद और शैलीकरण का एक संयोजन है। गर्म रंगों का उपयोग एक शांत और चिंतनशील भाव उत्पन्न करता है, जबकि प्राकृतिक तत्वों का विस्तृत लेकिन सरल चित्रण इस दृश्य को आमंत्रित करने वाला और शांति से भरा हुआ बनाता है। चित्र में रचना का संतुलन बहुत अच्छा है, जो दर्शक की दृष्टि को अग्रभाग से पृष्ठभूमि तक मार्गदर्शित करता है, जिससे गहराई और परिप्रेक्ष्य का अनुभव होता है।

संपूर्ण रूप से, यह चित्र प्रकृति की सुंदरता का एक उत्सव है, जो दिन के रात में परिवर्तित होने के एक क्षणिक समय को पकड़ता है। यह शांति, सामंजस्य, और प्राकृतिक दुनिया में पाए जाने वाले सूक्ष्म आनंद की थीम्स को दर्शाता है।

Monday, August 31, 2020

"STEAM ENGINE" OLD MEMORY

"STEAM ENGINE" OLD MEMORY"
Indrajeet singh Kurram
Oil cooler on Canvas
Size. 36" X 56" inches 
2016

"STEAM ENGINE" OLD MEMORY" Indrajeet singh Kurram Oil cooler on Canvas


**"स्टीम इंजन" (पुरानी यादें) चित्रकला का कलात्मक दृष्टिकोण**

**चित्रकला:** स्टीम इंजन (पुरानी यादें)  
**कलाकार:** इन्द्रजीत सिंह  
**वर्ष:** 2016  

"स्टीम इंजन" शीर्षक से चित्रित इस कलाकृति मैंने सन 20 16 में रायगढ़, किरोड़ीमल नगर में रहते हुए बनाया था |उस समय मैं रेलवे में जूनियर इंजिनियर मैकेनिकल में कार्यरत था, और एक स्टीम इंजन बनाना चाह रहा था | चित्र में  पुरानी यादों को जीवंत किया है इसमें एक बैलगाड़ी के साथ हल लेकर जाता किसान मटके में पानी ले जाती महिलाएं और ट्रेन को देख रोमांचित होते बच्चे के साथ एक काल्पनिक प्राकृतिक दृश्य को दिखाने की कोशिश की है |। आयल पेंटिंग से कैनवास में बने इस चित्र में एक पुराने स्टीम इंजन का चित्रण किया गया है, जो बीते समय की यादों और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है। 

**चित्र का विवरण:**

इस चित्र में स्टीम इंजन को एक प्रमुख स्थान पर दर्शाया गया है, जो अपने समय का प्रतीक है। इंजन से निकलता हुआ धुंआ, उसका भारी-भरकम लोहे का ढांचा और इंजन के पहियों की विस्तृतता, यह सब मिलकर उस युग की तकनीकी प्रगति और जीवनशैली को प्रदर्शित करते हैं। चित्र में धुंआं और रंगों का गहरा प्रयोग किया गया है, जो पुरानी यादों और स्मृतियों की धुंधली परछाई को दर्शाता है।

पृष्ठभूमि में, धुंधले और गहरे रंगों का इस्तेमाल किया गया है, जो उस समय के वातावरण और उसकी गंभीरता को प्रकट करते हैं। यह दृश्य मानो हमें समय के उस दौर में वापस ले जाता है, जब स्टीम इंजन परिवहन का एक प्रमुख साधन हुआ करता था। 

चित्र में इंजन के रंगों और उसके विवरण में अद्भुत सटीकता है, जो इस बात को दर्शाता है कि कलाकार ने इस चित्र को बड़े प्रेम और समर्पण के साथ बनाया है। इंजन के धातु के हिस्सों, पहियों, और धुंए में की गई बारीकियों से कलाकार की तकनीकी समझ और उनके पुराने समय के प्रति सम्मान की भावना प्रकट होती है।

**कलात्मक दृष्टिकोण:**

यह चित्र न केवल एक तकनीकी युग का प्रतीक है, बल्कि यह बीते समय की यादों और नॉस्टेल्जिया का भी प्रतीक है। "स्टीम इंजन" के माध्यम से, कलाकार ने एक ऐसी दुनिया का चित्रण किया है जो अब अतीत का हिस्सा बन चुकी है, लेकिन जिसकी गूंज अभी भी हमारे दिलों में बसी हुई है। 

इस चित्र में प्रदर्शित धुंआं और गहरे रंग, समय के साथ फीकी पड़ती यादों को व्यक्त करते हैं, वहीं इंजन की स्थिरता और मजबूती, उन यादों के महत्व और उनके प्रभाव को दर्शाती है। यह कलाकृति हमें उस युग की सादगी और उसकी महानता का एहसास कराती है, साथ ही यह भी बताती है कि कैसे समय के साथ तकनीकी प्रगति ने हमारी दुनिया को बदल दिया है।

**निष्कर्ष:**

"स्टीम इंजन" एक भावनात्मक और ऐतिहासिक कलाकृति है, जो बीते समय की यादों को संजोए हुए है। यह चित्रकला न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे अतीत और उन अनुभवों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता की भावना को भी व्यक्त करती है। यह कलाकृति उस युग की एक अमूल्य धरोहर के रूप में हमेशा याद रखी जाएगी।

Sunday, August 16, 2020

GOLDEN RIVER an acrylic painting on canvas

 "GOLDEN RIVER"
Indrajeet singh Kurrm
Acrylic on Canvas board
  Size 28" x 32
   2020
                 
painting GOLDEN RIVER Acrylic on canvas
"GOLDEN RIVER" Indrajeet  Singh, Acrylic on Canvas board 2020 (28"X32")

Sunday, July 28, 2019

Travel must be in life only

यात्रा जरुरी है जीवन में 
                        
                          कहते है "लुढ़कते पत्थर पर कभी काई नहीं  जमती" सत्य है ,नदी में जो पत्थर स्थिर है उन पर तो अक्सर काई जम जाती है, परन्तु जो पत्थर नदी में लुढ़कता रहता है न केवल काई विहीन होता है, वरन चमकीला व सुन्दर आकर का भी हो जाता है।  कहने का तात्पर्य यह है की यदि मनुष्य भी नदी में लुढ़कते इस पत्थर के भांति स्वयं को नदी रूपी जीवन धारा में गतिशील रखे तो वह अपने विचारों को एक अच्छा आकार दे सकता है, ज्ञान में वृद्धि कर सकता है एवं अपनी अंतरात्मा में चमक उत्पन्न कर सकता है। बहने या लुढ़कने का मतलब यह नहीं की हम भी नदी में बहने लगें या जमीन  लुढ़कने लगें। बहने और लुढ़कने का मतलब है गतिशील रहना, कर्मशील रहना, प्रयास करते रहना। माँ के गर्भ से एक बच्चा संसार में एक लम्बी यात्रा कर पहुँचता है और इस संसार में उसकी आगे की यात्रा शुरू हो जाती है। घर से विद्यालय तक का सफर, विद्यालय से महाविद्यालय तक का सफर, महाविद्यालय से अच्छे व्यवसाय तक का सफर, और एक अच्छे व्यवसाय से एक अच्छी पहचान तक का सफर, और ये सफर तब तक चलता रहता है जब तक व्यक्ति गतिशील, कर्मशील रहकर सफलता के लिए प्रयास करता रहता है। मानव मन में जो कुछ भी उपजता है वह उसे प्राप्त करने के लिए प्रयासरत हो जाता है, उसके लिए वो विचारशील हो जाता है, उस विचार को कार्यान्वित करने के लिए क्रियाशील हो जाता है और उस कार्य के प्रगति से स्वयं को प्रगतिशील करता है। किसी को ज्ञान, कला, प्रेम,सुख, शांति रूपी प्यास क्रियाशील करती है तो किसी को धन-दौलत, नाम, ऐश्वर्य, समृद्धि, वर्चस्व, सत्ता रूपी प्यास क्रियाशील करती है। अतः वह व्यक्ति ज्यादा श्रेष्ठ है जो गतिशील रहता है अपेक्षा उस व्यक्ति के  जो स्थिर हो जाता है जो न तो अपने शरीर के सामर्थ्य का उपयोग करता है न ही अपनी बुद्धि का। और जो व्यक्ति इस संसार में  प्रगतिशील रहता है, जो हमेशा अपने उद्देश्य की ओर बढ़ता रहता है वह एक यात्री है, वह यात्रा कर  होता है। 
happy journey
" A TRAVELER ON TRAVEL " Pencil color on paper size 8" X 11" on 2019

                         जीवन की इस धारा में यात्री बनो और यात्रा करो, यात्रा करो ज्ञान के सागर में, यात्रा करो अनुभव की किताब में, यात्रा करो मन की पुकार की ओर, बस यात्रा करो।  जीवन में यात्रा का बहुत महत्त्व है, यह हमें कुछ दिखाती है, कुछ सिखाती है, कुछ एहसास कराती है और हमारी अंतरात्मा को खंगालती है जिससे हमें सुख दुःख, सही गलत की अनुभूति होती है। यात्रा होती है विचारों की, यात्रा  होती है अनभिज्ञता से ज्ञान की ओर, यात्रा होती है अन्धकार से प्रकाश की ओर, यात्रा होती है निर्धनता से सम्पन्नता की ओर, यात्रा होती है नास्तिकता से आस्तिकता की ओर। इसीलिए संसार में हुए सफल लोगों का इतिहास, महापुरुषों का इतिहास यात्राओं से भरा पड़ा है। जितनी बड़ी या महान विचार मनुष्य के मन में होगी, वहां तक पहुंचने का मार्ग भी उतनी ही कठिन और समय लेने वाली होगी।  इस संसार में हमारी यात्रा का प्रारम्भ बिंदु कहाँ था, हम प्रायः भूल जाते हैं और यात्रा का अंतिम पड़ाव कहाँ है, इसके बारे में भी विचार नहीं करते पर फिर भी हम चलते रहते है, यात्रा करते रहते हैं।
Relax
" TAKE REST WHILE TIRED " Pencil color on paper size 8" X 11" on 2019
                         हर मानव एक यात्री है और हर मानव के विचार एवं उद्देश्य  भिन्न है और इसीलिए सबकी यात्रा की दिशा अलग - अलग होती है परन्तु अक्सर लोग एक बने बनाये मार्ग का ही चयन कर उस ओर चलते है, जबकि कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो अपना मार्ग स्वयं बनाते हैं।
जिस प्रकार विचारों का कोई अंत नहीं है उसी प्रकार यात्रा का भी कोई अंत नहीं है, तो बस यात्रा करो। थक जाओ तो हे मानव थोड़ा विश्राम करो, अपने किये यात्रा को स्मरण करो, उसका आकलन करो और उसे  अपने ज्ञान और अनभवों में   शामिल करो  फिर अपने उद्देश्य को याद करो और तरोताजा हो फिर उठो, चलना शुरू करो और यात्रा करो।                                                                                                                                                                                 इन्द्रजीत सिंह कुर्राम 

Saturday, December 29, 2018

Kendai Fall



केंदई फॉल 

 Kendai is a small village but it is most famous and beautiful picnic spot on the district. There is one lovely waterfall having 75 feet height, in which water flow from Hasdeo Bango Reservoir. It is situated at a distance of 130 km from Bilaspur district and 85 km from Korba district headquarter on the Bilaspur - Ambikapur State Highway No 5 in Chhattisgarh state in India.


   photography by Indrajeet Singh Kurram on date 19/02/2011 camera Canon 600D                                                                                                                    
kendai fall

kendai fall

kendai fall

kendai fall
kendai fall



  
  छत्तीसगढ़ में एक पर्यटक स्थल है "बुका", जो की कोरबा से 67 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहाँ लगभग 2 घंटे लगते हैं पहुंचने में, और उससे आगे ३० किलोमीटर की दूरी पर एक छोटा सा गांव है "केंदई", वहां एक जल प्रपात है जिसे लोग केंदई फॉल के नाम से जानते हैं। केंदई फॉल एक खुबसूरत पिकनिक स्पॉट है जहाँ लोग अक्सर ठण्ड के मौसम में पिकनिक मनाने जाते हैं। 75 फ़ीट ऊँचे इस झरने  में पानी हसदेव बांगो डेम से आता है। 
केंदई फॉल पहुंचने के बाद अपना वाहन झरने के ऊपर वाले स्थान पर ही रखना पड़ता है, और झरने को सामने से देखने के लिए पगडंडियों से निचे उतरना पड़ता है। निचे आने पर झरने का सामने का नजारा नजर आता है। ऊंचाई से बहते झरने का पानी निचे तलहटी की ओर बह जाता है। आस पास बड़े बड़े पत्थर और चट्टान है जिन्हे देख कर लगता है की प्रकृति ने हमारे विश्राम के लिए बनाया है। झरने का पानी लगातार बहता रहता है उसका प्रवाह किसी मौसम में कम तो किसी में ज्यादा रहता है। झरने के निचे पानी ज्यादा होने के कारण झरने में नहाने का मजा नहीं ले पाते। झरने के सामने कुछ दूरी से खाई शुरू हो जाती है जो काफी निचे तक जाती है। झरने के दोनों तरफ पहाड़ दिखते है जिनमे हरे-भरे पेड़ हरियाली  का एहसास कराती है। 
केंदई फॉल देखने लोग वहां पहुंचते हैं और कुछ देर प्रकृति का नजारा ले लौट जाते हैं, तो वहीं कुछ लोग वहां पिकनिक के लिए भी जाते हैं और पूरा दिन रुक कर वही खाना बनाते और खाते हैं।  खुबसूरत है केंदई फॉल एक एकांत में प्रकृति की गोद में होने  का एहसास देती है। पर ध्यान रखें  आस पास कोई दुकान नहीं है इसलिए जरुरत के सामान साथ रखें, पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है, और साफ़-सफाई की भी कमी है। वहां जाएँ तो गहरे पानी और गहरे खाई से सावधान रहें एवं बच्चों का ध्यान रखें। 

Monday, September 3, 2018

Let's start drwing with pencil and paper

पेंसिल और पेपर से ड्राइंग शरू करें।
ड्राइंग करने के लिए एक सरफेस के रूप में पेपर लें और एक पेंसिल, और बस शुरू करें कलाकारी। शुरुआत में ज्यादा सोचने के बजाए किसी मैगजीन या किताब से फोटो देखकर उसे नकल करने की कोशिश करें। शुरुआत पेड़, पत्ती, फूल, फल आदि से करें। जितना ज्यादा हो सके प्रैक्टिस करें और यदि आप ड्राइंग को अपने हिसाब से और क्रिएटिव बना सकते है तो जरूर प्रैक्टिकल करें। दोस्तों यहाँ कुछ चित्र है जिन्हे मैंने अपने प्रैक्टिस के दौरान बनाये थे। दोस्तों जितना ज्यादा आप प्रैक्टिस करेंगे आपकी ड्राइंग उतनी ही अच्छी बनती जाएगी और एक दिन ऐसा आएगा की आप बिना किसी चित्र के नकल किये अपनी कल्पना से ही अच्छी ड्राइंग कर लेंगे।


शुरुआत में सिखने के लिए नकल करने में कोई बुराई नहीं है और उसके लिए आप कार्बन पेपर या ट्रेस पेपर लेकर किसी चित्र की कॉपी कर सकते हैं। बिंदुओं को मिलाकर लाइन या रेखा बनाया जाता है और रेखाओं को मिला कर कर्व और कोण बनाया जाता है।
एक चित्र बनाने के लिए सबसे पहले उसका विषय या सब्जेक्ट पहले चयन करें, और फिर हल्के पेंसिल से उसका एक आउटलाइन तैयार करें, तत्पश्चात डार्क लाइन खींचे। जहाँ जरुरत हो वहां हैच एवं शेड का प्रयोग करें। और जो लाइन या शेड आवश्यक ना हो उसे रबर से मिटा दें। एच टाइप के पेंसिल से पतली और हल्की लाइन बनती है और बी टाइप के पेंसिल से स्ट्रांग और डार्क लाइन बनती है। एच-बी टाइप के पेंसिल से अच्छी प्रैक्टिस हो जाती है। फल, फूल, पत्ती और पेड़ के चित्रों से शुरू करें। 
   
phool
"flowers", 19cm X 23cm, pencil on paper
"flowers", 19cm X 23cm, pencil on paper
"leaves", 19cm X 23cm, pencil on paper

"Trees", 19cm X 23cm, pencil on paper
"Fruits", 19cm X 23cm, pencil on paper

Saturday, August 18, 2018

shradhanjalee Atal Bihari Bajpayee ji

श्रद्धांजली अटल बिहारी बाजपेयी जी 

सन्देश यह क्या सुन गया, मेरा मानस पटल । 
विरक्त हो गया देह से, था जो भारत रत्न अटल । 

प्रवक्ता, वक्ता, बन कवि, देश की प्रगति को दिया बल । 
पोकरण में कर परमाणु परिक्षण, शक्ति दिया प्रबल । 

थर्रा दिया धरती को जिसने, जिनसे दुनिया गयी दहल । 
विरक्त हो गया देह से, था जो भारत रत्न अटल ।  
 
Bharat Ratan Atal Bihari Vajpayee ji


25 Dec 1924 - 16 Aug 2018


Wednesday, August 15, 2018

paisa chalta hai

paisa chalta hai
                                   पैसा चलता है 
एक आदमी बेरोजगार था और नौकरी की तलाश में बड़े शहर की तरफ निकल पड़ा। ट्रेन से उतरने पर उसे एक भिखारी मिला, जिसने बड़ी दुखी आँखों से उसे देखा और अपना हाथ उसके आगे कर दिया। उस आदमी ने कुछ सोचा और अपनी जेब से एक रुपया निकाल कर भिखारी के हाथ में रख दिया, और आगे बढ़ गया। भिखारी ने आदतन कुछ कहा और आगे बढ़ गया।भिखारी के पास एक रुपया और था, वह दो रूपये ले कर चाय वाले के पास गया और उसने दो रुपये की चाय पी ली। चाय वाले ने दो रूपये अपनी जेब में रखा और जब उस चाय वाले के पास बीस रुपये हो गए तो वह राशन की दुकान से एक किलो शक्कर ले आया। राशन दुकान में सेठ ने वह रूपये अपनी संदूक में रख लिए। सेठ के गल्ले में शाम तक हजार रूपये आ गए तो उसने उन रुपयों से तेल के पीपे ले लिए। तेल के पीपे वाले उस सेठ ने पर्याप्त पैसे हो जाने पर तेल निकालने वाली और बेचने वाली कंपनी से और माल मंगा लिया। इस तरह से उस बेरोजगार आदमी का एक रुपया एक हाथ से दूसरे हाथ होता हुआ आगे बढ़ता रहा।
उधर वह बेरोजगार आदमी काम की तलाश में दर- दर भटकता हुआ उस तेल बनाने वाली कंपनी तक पहुंच गया और उसे वहां तीन हजार रूपये महीने की नौकरी मिल गयी। काम करते -करते एक महीने बीत गए और उस आदमी को उसके काम की पहली पगार तीन हजार रूपये उसके हाथ में मिले।  रूपये हाथ में आने के बाद वो बहुत खुश हुआ और अपने इष्ट देव को धन्यवाद दे कहा " हे देव आपने आज से मुझे भी मेरी मेहनत की कमाई देना शुरू किया है, आशीर्वाद दो की मेरा यह धन अच्छे कार्यों में व्यय हो इस से  मेरा, मेरे परिवार का, मेरे समाज का, मेरे राष्ट्र का, विश्व का कल्याण हो। " इस तरह उस आदमी ने अपनी कमाई का सदुपयोग करना शुरू कर दिया। 
किसी को दिया गया धन या कहीं किया गया इन्वेस्टमेंट का एक रुपया भी कई गुना बढ़कर वापस ही मिलेगा। अगर हमने पैसे आने के बाद उसे कहीं भी इन्वेस्ट नहीं किया तो वह पैसा वहीँ रुक जायेगा वह बढ़ेगा नहीं। जिन स्थानों पर पैसों का लेन -देन जितनी तेजी से होता है वे स्थान ज्यादा प्रगति करते है अपेक्षा उन स्थानों के जहाँ पैसों का लेन देन कम होता है।