Friday, January 2, 2015

NEW YEAR


नूतन वर्ष

आओ उगते सूरज से, हम सब आशीष लें.
जीवन में वह हमारे शक्ति, ज्ञान, प्रेम भर दे.
 सबका ही कल्याण करे, सबका ही सम्मान मांगे।
देश प्रेम का हो जज्बा, मिलकर ऐसा विचार मांगे।
अज्ञानता के अँधेरे में, ज्ञान प्रकाश फैला दे.
शत्रुता वाले मन में, मित्रता के बीज उगा दे.
आज से बुराइयों का, कर दे हम त्याग।
दिल से दिल मिला सब, प्रेम का गायें राग.
जैसा बिता गत वर्ष हमारा, अच्छा हो उससे यह वर्ष। 
गम से दूर रहकर अपने, मन में भर लेँ हर्ष।  
खुशियो का वर्ष, समृद्धि का वर्ष, प्रेम का वर्ष, उन्नति का वर्ष। 
सबके लिए हो आनंद वर्ष, सबको मुबारक नूतन वर्ष। 

                                                                                              इन्द्रजीत  सिंह कुर्राम (इन्द्रभान )